बिलासपुर कॉलेज में छात्रा से छेड़छाड़ और थप्पड़ का वीडियो वायरल – रतनपुर थाना प्रभारी ने FIR से किया इनकार, एसएसपी के निर्देशों की खुलेआम अवहेलना!


बिलासपुर, छत्तीसगढ़ | न्यायधानी न्यूज़
बिलासपुर जिले में महिला सुरक्षा को लेकर पुलिस के दावे और ज़मीनी हकीकत के बीच एक बार फिर खाई स्पष्ट दिखने लगी है। मामला एक छात्रा से जुड़ा है, जो अपने टीसी (स्थानांतरण प्रमाण पत्र) के लिए कॉलेज पहुंची थी। कॉलेज प्रबंधन और स्टाफ के रवैये से बात इतनी बिगड़ गई कि छात्रा के साथ खुलेआम अभद्रता, छेड़छाड़ और थप्पड़ तक मारा गया।

इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कॉलेज का एक पुरुष स्टाफ छात्रा को जबरन छूता है, जबकि महिला कर्मचारी थप्पड़ मारती है। इतना गंभीर मामला सामने आने के बावजूद रतनपुर थाना प्रभारी और स्टाफ ने न सिर्फ FIR दर्ज करने से इनकार किया, बल्कि पीड़िता को ही दोषी ठहराते हुए “काउंटर केस” की धमकी दे डाली।


वीडियो वायरल, लेकिन FIR नहीं

छात्रा द्वारा 112 पर कॉल किए जाने के बाद वह रतनपुर थाने पहुंची। लेकिन वहां उसकी तकलीफ को कोई तवज्जो नहीं दी गई। थाना प्रभारी की गैरमौजूदगी की बात कहकर घंटों इंतजार कराया गया। बाद में जब छात्रा ने FIR और पावटी की मांग की, तो थाना प्रभारी ने कथित तौर पर कहा –
“समझौता कर लो वरना उल्टा तुम्हारे खिलाफ केस कर देंगे।”



पुलिस पर गंभीर आरोप – छात्रा का पक्ष दबाने की कोशिश

पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने न तो उसकी शिकायत दर्ज की और न ही किसी तरह की कानूनी प्रक्रिया अपनाई। उल्टा, पुलिसकर्मी आरोपियों को बचाने की कोशिश करते नजर आए। एक तरफ छात्रा मानसिक रूप से परेशान थी, दूसरी ओर पुलिस के रवैये ने उसकी तकलीफ और बढ़ा दी।



एसएसपी राजनेश सिंह के निर्देशों की खुली अवहेलना

बिलासपुर जिले के वर्तमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) राजनेश सिंह को तेज-तर्रार, निष्पक्ष और महिला अपराधों के मामलों में बेहद गंभीरता से कार्यवाही करने वाला अधिकारी माना जाता है। उन्होंने हाल ही में जिले के सभी थानों को निर्देशित किया था कि महिला संबंधी अपराधों में “तत्काल FIR दर्ज करें, पीड़िता को पूरी सुरक्षा दें, और जीरो टॉलरेंस अपनाएं।”

लेकिन इस घटना में रतनपुर थाना प्रभारी द्वारा उन्हीं के स्पष्ट आदेशों की खुली अवहेलना की गई है। एसएसपी के आदेशों को दरकिनार कर, थाना स्तर पर पीड़िता की बात को नकारना, न केवल कर्तव्य की लापरवाही है, बल्कि यह सीधे तौर पर वरिष्ठ अधिकारी की साख को भी चुनौती देता है।



महिला नेतृत्व के बावजूद पीड़िता को न मिला न्याय

रतनपुर थाना क्षेत्र में SDOP और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) – दोनों पदों पर महिला अधिकारी तैनात हैं। दोनों ही अधिकारी लंबे समय से सेवा में हैं और उन्हें अनुभवी माना जाता है। इसके बावजूद एक छात्रा की आवाज़ को सुनने और उसे कानूनी सुरक्षा देने में थाने की विफलता कई सवाल खड़े करती है।
क्या सिर्फ महिला अधिकारियों की तैनाती पर्याप्त है, जब सिस्टम ही पीड़िता को चुप कराने में लगा हो?



अब छात्रा खुद करेगी एसएसपी से शिकायत

फिलहाल छात्रा ने इस पूरे मामले की शिकायत सीधे पुलिस अधीक्षक राजनेश सिंह से नहीं की है, लेकिन उसका कहना है कि वह जल्द ही एसएसपी से मिलकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी देगी और दोषियों पर कार्रवाई की मांग करेगी। छात्रा का कहना है –
“मैंने पुलिस में भरोसा करके शिकायत की थी, लेकिन मुझे वहां न्याय नहीं मिला। अब मैं एसएसपी से न्याय मांगूंगी।”


अब सबसे बड़ा सवाल – SSP क्या करेंगे कार्रवाई?

अब पूरे जिले की नजर इस बात पर है कि जब एक वायरल वीडियो और स्पष्ट पुलिस लापरवाही के बावजूद थाने में FIR दर्ज नहीं हुई, तो क्या SSP राजनेश सिंह रतनपुर थाना प्रभारी पर विभागीय कार्रवाई करेंगे? या फिर यह मामला भी दबा दिया जाएगा?

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