रायपुर | छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ द्वारा बीते दिनों से चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल को स्थगित कर दिया गया है। यह फैसला 17 सूत्रीय मांगों पर शासन और मंत्री स्तर पर हुई सकारात्मक बातचीत और प्राप्त ठोस आश्वासनों के बाद लिया गया। संघ ने स्पष्ट किया है कि यह आंदोलन केवल असंतोष की अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि प्रशासनिक सुधार और न्याय के लिए किया गया आंदोलन था, जिसे अब शासन द्वारा मान लिया गया है।
संघ की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि यह आंदोलन प्रदेश के समस्त तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारों की भागीदारी से ऐतिहासिक रहा, जिसने पूरे प्रशासन एवं शासन को गहराई से सोचने पर विवश कर दिया। आंदोलन का उद्देश्य केवल मांगों को लेकर हठ करना नहीं था, बल्कि राजस्व व्यवस्था की गरिमा और कार्यदक्षता को लेकर दीर्घकालीन समाधान की दिशा में बढ़ना था।
शासन द्वारा जिन प्रमुख बिंदुओं पर सहमति बनी है, उनमें शामिल हैं:
तहसीलों में संसाधनों की पूर्ति तक प्रशासनिक कार्यों में शिथिलता को सहमति रूप में स्वीकार करना।
लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत अनावश्यक दंडात्मक कार्यवाही नहीं की जाएगी।
डिप्टी कलेक्टर पदोन्नति हेतु 50:50 अनुपात की फाइल पर शीघ्र कार्यवाही।
नायब तहसीलदार पद को राजपत्रित दर्जा देना।
तहसीलों में स्थायी वाहन व्यवस्था हेतु स्पष्ट निर्देश/नीति निर्माण।
सेवा संशोधन हेतु समिति गठन कर समयबद्ध निर्णय।
न्यायाधीश संरक्षण अधिनियम का पालन सुनिश्चित करना।
सभी 17 सूत्रीय मांगों पर चरणबद्ध कार्यवाही।
संघ ने 6 अगस्त 2025 से हड़ताल को स्थगित करने की घोषणा की है, लेकिन साथ ही स्पष्ट किया है कि यदि तय समयसीमा में ठोस निराकरण नहीं हुआ, तो लोकतांत्रिक माध्यमों से पुनः निर्णायक निर्णय लेने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
संघ ने तीन बिंदुओं पर ज़ोर दिया है: संगठन की एकता बनाए रखना
नेतृत्व पर विश्वास बनाए रखना
शासन को समय की गरिमा निभाने का अवसर देना
अंत में संघ ने सभी साथियों को उनके योगदान, धैर्य और अनुशासन के लिए हार्दिक बधाई दी है और इसे "संवाद आधारित संघर्ष की जीत" बताया है।
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