छत्तीसगढ़ में तहसीलदार-नायब तहसीलदारों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू, शासन से 17 सूत्रीय मांगों पर ठोस निर्णय की अपेक्षा


रायपुर | 31 जुलाई 2025

छत्तीसगढ़ के राजस्व प्रशासन में सोमवार से एक बड़ा व्यवधान उत्पन्न हो गया है। प्रदेश भर के तहसीलदार और नायब तहसीलदार आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। यह निर्णय छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ द्वारा अपनी 17 सूत्रीय मांगों पर सरकार की ठोस पहल के अभाव में लिया गया है।

संघ के नेतृत्व में तहसील स्तर के अधिकारी बीते कई सप्ताहों से चरणबद्ध आंदोलन कर रहे थे, लेकिन 30 जुलाई 2025 तक शासन द्वारा इन मांगों पर कोई निर्णायक प्रतिक्रिया नहीं आने के कारण 31 जुलाई से प्रदेशव्यापी हड़ताल की घोषणा की गई है।

प्रमुख मांगें जिन्हें बताया गया 'शीर्ष प्राथमिकता'

संघ की ओर से जिन 17 मांगों को उठाया गया है, उनमें से कुछ को शीर्ष प्राथमिकता की श्रेणी में रखा गया है। ये मांगें इस प्रकार हैं:

प्रत्येक तहसील में न्यूनतम दो ऑपरेटर, कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर एवं इंटरनेट भत्ते सहित पूर्ण सेटअप की व्यवस्था

तहसील कार्यालयों के लिए पृथक सरकारी वाहन, ईंधन व चालक की स्थायी उपलब्धता

डिप्टी कलेक्टर पद पर 50:50 अनुपात से पदोन्नति व्यवस्था की पुनः बहाली

नायब तहसीलदार को राजपत्रित दर्जा प्रदान करना

नायब तहसीलदार के लिए ₹4300 व तहसीलदार के लिए ₹4800 ग्रेड-पे निर्धारित करना

न्यायिक कार्यों में अधिकारियों की सुरक्षा के लिए प्रभावी संरक्षण व्यवस्था

SLR/ASLR को राजस्व प्रभार से मुक्त रखने संबंधी आदेशों का पालन

अनुचित निलंबन या एफआईआर पर न्यायिक संरक्षण अधिनियम 1985 के सख्त पालन की मांग

सचिव से 1.30 घंटे की बैठक, वार्ता रही बेनतीजा

आज रायपुर में संघ के प्रतिनिधिमंडल ने सचिव, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग से लगभग डेढ़ घंटे की विस्तृत चर्चा की। इस दौरान सभी 17 मांगों की वस्तुनिष्ठ जानकारी प्रस्तुत की गई। सचिव ने प्राथमिकता तय करने की बात पूछी, जिस पर संघ ने स्पष्ट किया कि सभी मांगें आवश्यक एवं व्यवहारिक हैं।

हालाँकि बैठक में चर्चा तो हुई, परन्तु संघ को न तो कोई स्पष्ट आश्वासन मिला और न ही कोई ठोस निर्णय। सचिव की ओर से सिर्फ "डाटा संकलन एवं शासन स्तर पर विचार-विमर्श" की बात कही गई। ऐसे में यह वार्ता निष्फल रही।

हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक ठोस निर्णय नहीं

संघ ने दो टूक कहा है कि जब तक शासन द्वारा मांगों पर गंभीर, निर्णायक और सकारात्मक कदम नहीं उठाए जाते, तब तक यह अनिश्चितकालीन हड़ताल यथावत जारी रहेगी।

संघ का वक्तव्य

 "हम कार्य के लिए सदैव तत्पर हैं, किंतु सम्मान, सुविधा और सुरक्षा के साथ।"(छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ)

संभावित असर

इस हड़ताल का सीधा असर आम नागरिकों पर पड़ने की आशंका है, क्योंकि तहसील स्तर पर होने वाले नामांतरण, बंटवारा, नक्शा, गिरदावरी जैसे अनेक महत्वपूर्ण कार्य ठप हो सकते हैं। राजस्व न्यायालयों की कार्यवाही भी बाधित रहेगी।

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