"स्कूल के 2003 बैच के छात्रों का भावुक मिलन: लालखदान में दोस्ती की यादें फिर हुई ताज़ा"


लालखदान (बिलासपुर)।
भागदौड़ और व्यस्तताओं से भरी ज़िंदगी में जब पुराने दोस्त एक साथ मिल बैठते हैं, तो समय कुछ पलों के लिए रुक सा जाता है।
भारत माता हिंदी माध्यम स्कूल के 2003 बैच के छात्र – जो 1991 से कक्षा 1 में एक साथ पढ़ाई शुरू किए थे – उन्होंने 29 जून 2025 को एक विशेष रीयूनियन कार्यक्रम का आयोजन किया, जो लालखदान स्थित एक फार्म हाउस में आयोजित हुआ।

इस मिलन समारोह में सिर्फ दोस्त ही नहीं, बल्कि बचपन की हँसी, क्लास की शरारतें और परीक्षा के तनाव के किस्से भी दोबारा जिंदा हो उठे।
कार्यक्रम में स्वादिष्ट व्यंजनों, संगीत और खुलकर की गई बातचीत ने एक अलग ही माहौल बना दिया।


मिलन को सफल बनाने वाले मुख्य संयोजक:

इस रीयूनियन को सफल बनाने में शीतल राठौड़ की अहम भूमिका रही।
उनकी सक्रियता, समन्वय और सबको जोड़ने की लगन से ही इतने वर्षों बाद यह आयोजन संभव हो पाया।

 मित्रों की गौरवशाली उपस्थिति:

इस भावनात्मक मुलाकात में शामिल हुए मित्रों के नाम इस प्रकार हैं:

रवि मौर्य, शंकर राव, दामोदर राव, अनिल यादव, मनोज मनसुखानी, सन्नी डोडेजा, रोशन ठक्कर, रोबिन वधवानी, राहुल मजूमदार, राघवेंद्र शास्त्री, अभिषेक सिंह, आशीष विक्टर, दिलीप थरवानी, सौरभ थवाइत, रोहित सिंह, आशीष कश्यप, काशिम अब्दुल्ला, मनोज लाल चांदनी, बंटी अडवाणी, संदीप शर्मा, सिद्धांशु मिश्रा और रोशन अवस्थी।

इन सभी का आपसी जुड़ाव और आत्मीयता देखकर स्पष्ट था कि सालों का फासला दोस्ती के रिश्ते को कमज़ोर नहीं कर पाया।

भावनात्मक पलों की झलक:

पुराने समय की तस्वीरें देख हँसी और आंसुओं का मेल

स्कूल के शिक्षकों और साथ बिताए पलों को लेकर कई भावुक चर्चाएं

"अब अगली बार और भी भव्य मिलन करेंगे!" — ये वादा

निष्कर्ष:
आज के यांत्रिक युग में ऐसे आयोजन न केवल दिल को जोड़ते हैं, बल्कि यह भी याद दिलाते हैं कि रिश्ते बनाए रखने के लिए बस थोड़ी सी पहल ही काफी होती है।

भारत माता स्कूल 2003 बैच के इस मिलन ने साबित किया 
कि असली दौलत ‘यादें’ और ‘मित्रता’ ही होती है। 

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