"गड्ढों में गिरी राजनीति: 5 साल की चुप्पी के बाद जागे कॉंग्रेस नेता तुकाराम!"


कवर्धा।
सड़कें गड्ढों में हैं – ये बात आज किसी से छुपी नहीं है। लेकिन ये भी छुपा नहीं है कि जिन नेताओं के पास सत्ता में रहते हुए जिम्मेदारी थी, वही अब कैमरे के सामने गड्ढा योद्धा बनकर उभर रहे हैं।

हम बात कर रहे हैं कवर्धा के कॉंग्रेस नेता तुकाराम chandravanshi की जो इन दिनों सोशल मीडिया पर हर गड्ढे के पीछे सरकार को घेरते नजर आ रहे हैं। वीडियो बनाते हैं, अधिकारियों को फोन करते हैं, और खुद को जनता का हितैषी साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते।

लेकिन सवाल सीधा है –
"क्या ये गड्ढे पिछले एक साल में अचानक पैदा हो गए?"
या फिर "ये वही गड्ढे हैं, जो तब भी थे जब कांग्रेस की सरकार थी और तुकाराम खुद सत्ता में थे?"


जानकारी के अनुसार 5 साल तक सरकार में रहकर भी न तुकाराम chandravanshi ने सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ एक भी आवाज़ उठाई,
न किसी सड़क का मुद्दा कैमरे में लाया,
न किसी अधिकारी को फोन पर झाड़ लगाई।

अब विपक्ष में हैं, तो हर सड़क पर गड्ढा और हर गड्ढे में कैमरा दिखाई दे रहा है।
ये राजनीति है या जिम्मेदारी से भागने का बहाना?

चौंकाने वाली बात ये है कि chandravanshi जी अपने सोशल मीडिया पोस्ट के कमेंट सेक्शन को भी लिमिटेड रखते हैं।
यानी आप बोलेंगे, जनता सुनेगी – लेकिन जनता बोले तो आप ब्लॉक!
तो क्या आप जनप्रतिनिधि हैं या सोशल मीडिया सुपरस्टार?

जनता अब पूछ रही है –

 “जब आपके पास सत्ता थी, तब क्या आंखें बंद थीं?”

“क्या सड़क सिर्फ बीजेपी के राज में टूटी है?”
“और सबसे जरूरी – क्या आप वाकई जिम्मेदारी निभा रहे हैं या सिर्फ सियासी कैमरा चला रहे हैं?”

बिलासपुर टाइम साफ तौर पर मानता है –
सड़क की खराब हालत पर सवाल उठाना जरूरी है, लेकिन उतना ही जरूरी है अपनी जिम्मेदारी को भी याद रखना।

राजनीति में विपक्ष होना ताकत है –
लेकिन झूठी याददाश्त के भरोसे राजनीति करना, जनता के साथ धोखा है।

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